Krishna Sudama ki Kahani

Templeinindia
2 min readMar 2, 2022

--

श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की शिक्षा यह है कि दोस्त चाहे अमीर हो या गरीब , इस बात का कोई महत्व नहीं है। मित्रता में सभी समान हैं और यह एक ऐसा सम्बन्ध है धरती पर जिसको हम चुन सकते है | आइये पढ़ते है कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की कहानी |

श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार- “राजा परीक्षित ने ब्राह्मणो से कहा- “श्री कृष्ण ! प्रेम और मोक्ष के दाता परब्रह्म परमात्मा भगवान की शक्ति का कोई अंत नहीं है। इसलिये उनकी माधुर्य और ऐश्वर्य से भरी लीलाएँ भी अंतहीन हैं।

अब हम श्री कृष्ण की दूसरी लीलाएँ, जिनका वर्णन आपने अब तक नहीं किया है, सुनना चाहते हैं। मनुष्य विषय-सुख को खोजते-खोजते अत्यन्त दुःखी हो गया है।

वे बाण की तरह-तरह इसके चित्त में चुभते रहते हैं। ऐसी स्थिति में ऐसा कौन सा रसिक रस का विशेषज्ञ पुरुष होगा, जो बार-बार पवित्रकीर्ति भगवान श्रीकृष्ण की मंगलमयी लीलाओं का श्रवण करके भी उनसे विमुख होना चाहेगा।

जो जीवा भगवान के गुणों का गान करती है, वही सच्ची वाणी है। वे हाथ सच्चे हाथ हैं, जो प्रभु की सेवा के लिये कार्य करते हैं। वही मन सच्चा मन हैं, जो चराचर प्राणियों में निवास करने वाले भगवान का हमेशा स्मरण करता है; और वे ही कान वास्तव में कान कहने योग्य हैं, जो भगवान की पुण्यमयी कथाओं का श्रवण करते हैं।

Krishna And Sudhama

--

--

Templeinindia
Templeinindia

Written by Templeinindia

I love to write about temples and heritage properties in the world.

No responses yet